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Showing posts from December, 2020

दूज का चाँद Written By @jaunsee

दूज का चाँद और उसकी बातें पूछो ये दर्द-ए-निहानी* मुझसे !

जिस्म में फंसी लड़की Written By @jaunsee

जिस्म में फंसी लड़की कंकाल में फंसे दिल को  ज़ब्त करना सिखाती है  हर रोज़.....! दिल सीख ही जायेगा एक रोज़.......!!!

मेरे दिल की कुँवारी गलियों Written By @jaunsee

मेरे दिल की कुँवारी गलियों पर चलने वाले सुन मेरे जौन का एक मिसरा है  (हाँ वही जौन जो पसन्द नहीं तुम्हे) कि ,  " जो नहीं है वो ख़ूबसूरत है" काश! कि मैं हर पल, हर साँस  ना होती तुम्हारे लिए, तब शायद  !!!  काश   !!!!

दिसम्बर की सर्द,लम्बी,काली रात में Written By @jaunsee

दिसम्बर की सर्द,लम्बी,काली रात में सोच रही हूँ, वो जो पूछा था आपने, कि "मैं मुहब्बत के बारे में क्या सोचती हूँ ?" और भीतर सिर्फ़ ख़ालीपन है यूँ तो ख़लाओं से टकराकर आवाज़ लौटती है, इको करती है ! लेकिन यहां सिर्फ़ सन्नाटा है ! और इतने काले सन्नाटे में रोशनी की बात करना गुनाह है!  #मैं

मैनें आईना देखना छोड़ दिया है Written By @jaunsee

मैनें आईना देखना छोड़ दिया है एक ख़्वाब जो कभी देखा ही नहीं मैंने, डर से! आँखों में रहता है मुझसे सवाल करता है जब आपके पास जवाब न हो तो नज़रें चुराना ही बेहतर होता है! तुमसे बेहतर ये कौन जानेगा.....है न   !!!

मुझ बेतरतीब मिट्टी को Written By @jaunsee

मुझ बेतरतीब मिट्टी को मुहब्बत की छलनी से छानो तो बची मिलेगी कुछ तानों की किरकिरी कुछ कटाक्ष के कंकड़ और कुछ जंग लगी बेड़ियाँ जिनको मेरी ज़ात जाने कितनी सदियों से ढो रही है!

एक नादान सितारा Written By Jaunsee

एक नादान सितारा  फ़लक़ से इशारा करता है  मुझे बुलाता है  और चाहता ये है कि मैं रक़्स करूँ  उसकी चाँद सी ज़मीन पर चाँदी की पायल पहन....! उसकी सतह पर डोलती रहूँ दीवाना वार झूमती रहूँ   !! लेकिन इतनी दूर से उस पागल को पाँव में पड़ी बेड़ियाँ कहाँ नज़र आती हैं    !!!