एक नादान सितारा Written By Jaunsee



एक नादान सितारा

 फ़लक़ से इशारा करता है 

मुझे बुलाता है 

और चाहता ये है कि

मैं रक़्स करूँ 

उसकी चाँद सी ज़मीन पर

चाँदी की पायल पहन....!

उसकी सतह पर डोलती रहूँ

दीवाना वार झूमती रहूँ   !!

लेकिन इतनी दूर से उस पागल को

पाँव में पड़ी बेड़ियाँ कहाँ नज़र आती हैं    !!!

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