'दर्द बनाम औरत का दिल' By Jaunsee
'दर्द बनाम औरत का दिल'
बहते लावे की तरह
फूटता ये दर्द
उस ज्वालामुखी से निकल रहा है
जो सदियों से सोया था
इसका नाम
'औरत का दिल' है !
ये समाज के ख़ूबसूरत चेहरे को
भद्दी काली राख से ढक देगा
ये बद-सूरत समाज इसी लायक़ है!
#मैं
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