'वन ओ क्लॉक' @jaunsee



'वन ओ क्लॉक'


रात के एक बजे 
कुछ अजीब कैफ़ियतें तारी होती हैं 
तुम्हे याद करके नदियाँ जारी होती है!
काश ! तुम आते इन्हें रोकने, 
इनमें बहने पर नहीं !!
ये बहती हैं !! 
दुपट्टा , तकिया , चादर भिगोती हैं !!!

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