एक हसरत थोड़ी पुरानी जंग लगी



एक हसरत थोड़ी पुरानी जंग लगी


एक ख़्वाब बिल्कुल ताज़ा खिला हुआ


बैठे हुए थे फ़ुरसत में बातें किए जाते थे


उस हसरत को ताज़ा ख़्वाब ने


ऐसा झांसा दिया ...ऐसा झांसा दिया


कि अब वो हसरत जंग लगा पैकर छोड़


नया रूप धरना चाहती है


क्या ये मुमकिन है?


ऐ ख़्वाब क्या ये वाक़ई मुमकिन है??

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