रायगाँ
प्यासी धरती के भीतर जा नहीं पाती
ये पक्की सड़कों और पक्के मकानों पे
पड़ती बूंदें उतनी ही फ़िज़ूल हैं जितना
मेरी कत्थई आँखों से बरसता पानी !
ये भी तुम्हारी पक्की हो चुकी
दिल की ज़मीन पर पड़ता ज़रूर है
लेकिन !!!!!
#जौनसी
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