उसने ग़ज़ल कही है







उसने ग़ज़ल कही है, मेरे फ़िराक़ में

मेरे तस्व्वुर में, किसी ख़्याल से मोअत्तर* हो के 

वो महक रहा है हर सम्त से! 

ये ख़ुशबू किसी कैमिकल की होगी ज़रूर 

हमारे बीच की केमिस्ट्री के बाइस^ 

जो थी कभी ! 

क्योंकि फूल तो अब खिलते ही नहीं 

हम तो अब मिलते ही नहीं! 


#जौनसी

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