मुझे उसी आवाज़ की धुन है







मुझे उसी आवाज़ की धुन है

वही "गुलाबी आवाज़"

जो घुलती थी, कानों के बीच

खुलती थी, ज़हन की नब्ज़ों पर

गुलाबों के जैसे

हर ज़ख़्म, हर दर्द मिटा देती थी

वो शीरीं आवाज़

वो जादुई आवाज़

वो गुलाबी आवाज़,उसकी आवाज़!

गुलाबी रंग

किताब में रक्खे गुलाब के जैसे

सूख गया है,काला पड़ गया है!

#जौनसी






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