आख़िरी ख़्याल
तवील रातों में , मेरे ज़हन में
ठीक नींद से पहले
ये जो आख़िरी ख़्याल आता है
मैं सच कहती हूँ !
आज तीन साल बाद भी
वही है जो तीन साल पहले था !
हाँ पागल !!!
सच में तुम !
क़सम से तुम !!
बस कह दिया "तुम" !!!
ठीक नींद से पहले
ये जो आख़िरी ख़्याल आता है
मैं सच कहती हूँ !
आज तीन साल बाद भी
वही है जो तीन साल पहले था !
हाँ पागल !!!
सच में तुम !
क़सम से तुम !!
बस कह दिया "तुम" !!!
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