दूज का चाँद



दूज का चाँद और उसकी बातें 

पूछो ये दर्द-ए-निहानी* मुझसे !

Comments

Popular posts from this blog

मैं शामों को अक्सर ही तुम्हारी आवाज़ मिस करती हूँ

'केसरिया बालमा' इक तस्वीर

मैं मिलूँगी फिर एक बार