ये मेरा ख़्वाब है
ये मेरा ख़्वाब है
हाँ ये मेरा ख़्वाब ही तो है
एक वीरान कमरे में
जिसकी दीवारों पे ताज़ी पुताई है
खाली पिंजरे की तस्वीर लगाई है
मेज पे इक खाली गिलास पड़ा है
जिसपे चांदी सा रंग चढ़ा है
एक सियाह चादर पे, एक सुफ़ैद गुलाब है
साथ में जौन एलिया की "शायद" किताब है !!!
मैं बेलिबास , बे हवास पड़ी हूँ वहां मौन सी
'तुम' ग़ज़लें पढ़ कर के , सुना रहे हो जौन की
एक फ्लॉवर पोट, गिर के छन से फूट गया !
ये मेरा ख़्वाब था , टूटना था, टूट गया !
अब इस वीरान कमरे में
मैं हूँ सफ़ेद चादर पर और सियाह गुलाब है
मेरे जौन एलिया की पसन्दीदा किताब है !
ग़ज़लें पढ़ रही हूँ मैं, इस वीरान कमरे में
साँसे गिन रही हूं मैं, इस वीरान कमरे में !!
साँसे गिन रही हूं मैं, इस वीरान कमरे में !!
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